PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की। इस्राइल-हमास जंग के बीच दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने ट्ववीट करते हुए कहा कि फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत की गई। उन्होंने गाजा के अल अहली अस्पताल में हुई नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की और फलस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजने की प्रतिबद्धता दिखाई। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में बढ़ते आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और इस्राइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत की दीर्घकालिक सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।
सात अक्तूबर को हमास ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने इस्राइल पर हमला किया था। इसके पूर्व, सात अक्तूबर को गाजा पट्टी से हमास द्वारा पांच हजार रॉकेट्स इस्राइल की ओर दागे गए थे। इसके बाद से, इस्राइल और हमास के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और भीषण युद्ध जारी है। भारत ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है।
17 अक्टूबर को इस्राइल-हमास युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में अल-अहली अरब अस्पताल पर बमबारी हुई थी, जिसमें कम से कम 500 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले के आरोप इस्राइली सेना पर लगाए गए थे, लेकिन इस्राइल ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में यह भी दावा किया गया कि हमले की वजह फलस्तीन इस्लामिक जिहाद की मिसाइल का मिसफायर होना बताया गया।
10 अक्टूबर को इस्राइल-हमास युद्ध के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की। इस मुद्दे पर खुलकर हुई चर्चा में, प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू को भारत का समर्थन और सहानुभूति व्यक्त की, कहते हुए कि भारत इस कठिन समय में इस्राइल के साथ खड़ा है।
World cup 2023: भारत ने लगातार चौथी जीत दर्ज की, विराट के शतक की बदौलत बांग्लादेश को सात विकेट से हराया।