विपक्ष के वॉकआउट के साथ, जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह का विवादित बयान
विपक्ष को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जो कहते हैं धारा 370 स्थायी है।”
वे संविधान का अपमान कर रहे हैं और संविधान सभा भी।
सोमवार, 11 दिसंबर, को राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 (J&K Reorganisation (Amendment) Bill, 2023) को संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन पारित किया।
पिछले हफ्ते लोकसभा ने दोनों बिल पारित किए थे।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इन दोनों बिलों पर बहस के दौरान धारा 370 हटाने का विरोध कर रहे विपक्ष को चेतावनी दी।
“लौट आइए, नहीं तो जितने हो, उतने भी नहीं बचोगे,” शाह ने कहा।
अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले युवाओं को लैपटॉप थमा दिए हैं। आतंकवाद से मुक्त कश्मीर बहुत करीब है।
पूरे दिन विपक्ष ने दोनों बिलों पर बहस करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया।
जबकि विपक्ष ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक (J&K Reservation (Amendment) Bill, 2023) पर अमित शाह के जवाब में राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष को जवाब देते हुए शाह ने कहा, “जो कहते हैं धारा 370 स्थायी है।
वे संविधान सभा और संविधान को अपमानित कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 370 को निरस्त करने के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के संविधान में कोई वैधता नहीं रही है।
अमित शाह ने कहा कि बंगाल और बाकी राज्यों में जम्मू-कश्मीर से अधिक मुसलमान हैं, लेकिन वहाँ आतंकवाद और अलगवावाद क्यों अधिक है? किसी भी बड़े आदमी से गलती हो सकती है। यदि आप लोग वापस नहीं आते तो आपकी संख्या कम हो जाएगी।
पत्थरबाजी करने वाले युवाओं को लैपटॉप दिए गए—शाह
अमित शाह ने कहा, “कश्मीर में पत्थरबाजी के मामलों में कमी आई है, क्योंकि हम एक नियम लेकर आए हैं।
नियम यह है कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ पथराव का मामला है, तो उसके परिवार से कोई भी सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होगा।
हमारे शासन ने पत्थरबाजी करने वाले युवाओं को लैपटॉप दे दिए हैं। आतंकवाद से मुक्त कश्मीर बहुत करीब है।”
जम्मू-कश्मीर में 90 सीटें होंगी
जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 के संसद से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाएगा।
ये बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन बिलों के पारित होने से जम्मू में 37 सीटें कम हो जाएंगी और कश्मीर में 46 सीटें कम हो जाएंगी। उस समय कुल 83 सीटें थीं।
इनकी संख्या अब 90 हो जाएगी।
PoK के लिए 24 सीटें:
गृहमंत्री ने कहा, “इन बिलों में लद्दाख अभी शामिल नहीं किया गया है। जबकि PoK के लिए 24 सीटें आरक्षित हैं क्योंकि हम उसे भारत का ही हिस्सा मानते हैं। SC/ST के लिए भी 9 सीटें आरक्षित हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “कश्मीरी उन लोगों की बात नहीं सुनते, जो आतंकवाद और अलगाववाद के बारे में बात करते हैं।” लोकतंत्र की बातें वे अब सुनते हैं..।
2014 से पहले, हजारों लोग आतंकवादियों को अंतिम संस्कार देते थे।
क्या कोई अब ऐसा कुछ देखता है? हमने कानून बनाया था कि आतंकियों का अंतिम संस्कार वहीं होगा जहां वे मर गए।
भारत का एक इंच भी कोई नहीं छीन सकता।
“मैं पहले ही वादा कर चुका हूं कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा उचित समय पर बहाल किया जाएगा,” अमित शाह ने कहा।
अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को जन्म दिया।
विपक्षी दल जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक बड़ी हार मानते हैं।
धारा 370 को हटाने का निर्णय संविधानिक है। PoK भारत में है।
भारत का एक इंच भी जमीन कोई नहीं छीन सकता।”
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