मां ने कहा कि बेटी का सपना अधूरा रह गया, दो महीने पहले बीमारी हुई थी।
Suhani Bhatnagar: पिता पुनीत भटनागर ने बताया कि उनकी बेटी को डर्मेटोमायोसिटिस की बीमारी थी। बेटी के हाथ पर दो महीने पहले लाल दाग था। उन्हें लगता था कि उनकी बेटी को एलर्जी है, इसलिए उसे फरीदाबाद के कई बड़े अस्पतालों में ले गए, लेकिन किसी भी अस्पताल के डॉक्टरों ने बीमारी को नियंत्रित नहीं किया।
शनिवार सुबह दिल्ली एम्स में दंगल फिल्म स्टार Suhani Bhatnagar का निधन हो गया, उम्र 19 वर्ष। विधिवत रूप से दाह संस्कार सुहानी रोड पर अजरौंदा श्मशान घाट में किया गया। उन्हें फरीदाबाद के लोगों ने नम आंखों से विदाई दी।
उन्हें दो महीने पहले अचानक लाल चकत्ते पड़ने लगे और वे डर्मेटोमायोसिटिस बीमारी से पीड़ित थे, जिससे उनके फेफड़े खराब हो गए और शरीर के अंगों में पानी भरने लगे। सुहानी के माता-पिता अपनी बेटी की मृत्यु से बहुत दुखी हैं। उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है कि उसने बहुत छोटी उम्र में अकेले अपना नाम नहीं बल्कि फरीदाबाद का नाम रोशन किया।
Suhani Bhatnagar: एक करियर की अधूरी कहानी
सेक्टर 17 की रहने वाली सुहानी भटनागर ने दंगल फिल्म से दंगल गर्ल के किरदार से अपना करियर शुरू किया था। शनिवार सुबह सुहानी के निधन की खबर मिलते ही शहरवासी शोक में डूब गए। सुहानी के परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए आसपास के लोग आने लगे।
उस समय सुहानी के माता-पिता ने मीडिया से कहा कि छह साल की उम्र में उसने दंगल फिल्म की थी। तब से उनकी बेटी को दंगल गर्ल कहा जाता था। मां पूजा भटनागर ने बताया कि उनकी बेटी को शुरू से मॉडलिंग और एक्टिंग करना अच्छा लगता था। इसके बाद उनकी बेटी को दिल्ली में एक इंटरव्यू के लिए बुलाया गया।
जहां एक हजार बच्चों में से उनकी बेटी के अलावा एक और बच्चा चुना गया था। फिर बेटी ने दंगल में बबीता फोगाट की भूमिका निभाई। उनका कहना था कि बावजूद इसके कि उनकी बेटी एक्टिंग करना चाहती थी, वह मास कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) को चुना था।
फरीदाबाद में स्थित मानव रचना शिक्षण संस्थान में वह द्वितीय वर्ष में पढ़ती थी। वह एक अभिनेत्री बनना चाहती थी, लेकिन उनकी बेटी का सपना पूरा नहीं हुआ। मृत्यु से पूरा परिवार बहुत दुखी है।
Suhani Bhatnagar: डर्मेटोमायोसिटिस, दो महीने पहले हुआ था
पिता पुनीत भटनागर ने कहा कि उनकी बेटी को डर्मेटोमायोसिटिस था। दो महीने पहले, बेटी के हाथ पर एक लाल दाग था। उन्हें लगता था कि उनकी बेटी को एलर्जी है, इसलिए उसे फरीदाबाद के कई बड़े अस्पतालों में ले गए, लेकिन बीमारी को कोई डॉक्टर नहीं पकड़ पाया।
बीते मंगलवार को उनकी बेटी की हालत बिगड़ने लगी तो उन्होंने उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां भी उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और उसके शरीर में धीरे-धीरे पानी भरने लगा। इसके बाद फेफड़े खराब हो गए और प्राण त्याग दिए।
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