अवैध पटाखा फैक्ट्री धमाके: मौतों की भारी कीमत, अस्पतालों में भर्ती, और मुआवजा की घोषणा
Harda : अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके के बाद सनसनी फैल गई है। बताया जा रहा है कि गैरकानूनी फैक्ट्री में लगभग 15 टन विस्फोटक रखा गया था। आग लगने के बाद तेज धमाके हुए। हादसे में कई लोग मारे गए हैं। वहाँ लगभग सत्तर घरों में आग लगी है। दर्जनों लोगों को चोट लगी है, बताया जा रहा है। स्थानीय अस्पताल के अलावा भोपाल और इंदौर में भी उन्हें भर्ती किया जा रहा है। सीएम ने मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को हेलीकॉप्टर से हर बार भेजा है। मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है।
Harda ब्लास्ट: अवैध फैक्ट्री में आग
दरअसल, मगरधा रोड पर बैरागढ़ गांव में अवैध फैक्ट्री चल रही थी। मंगलवार सुबह साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच अचानक तेज आग धमाके हुए। आग धीरे-धीरे तेज हो गई। इसके बाद पूरे शहर में इसका शोर सुनाई देने लगा। धमाके की आवाज से लोग भागने लगे। वहीं 100 घर खाली करवाए गए हैं। बताया जा रहा है कि 15 टन बारूद फैक्ट्री के अंदर रखे गए थे।
घायलों को अस्पताल ले जाया गया
25 घायल अभी हरदा जिला अस्पताल लाए गए हैं। इनकी संख्या अधिक भी हो सकती है। बताया जा रहा है कि दर्जनों कर्मचारी फैक्ट्री में काम कर रहे थे। उनका कोई पता नहीं है। अभी भी वहाँ धमाके हो रहे हैं। फायर ब्रिगेड की टीम अभी नहीं आई। वहाँ आग बुझाने की प्रक्रिया जारी है।
सीएम ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई
Harda ब्लास्ट की घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक आकस्मिक बैठक बुलाई है। मौत का सटीक आंकड़ा अभी तक नहीं मिला है। मुख्य सचिव वीरा राणा और डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी सीएम के साथ मीटिंग में उपस्थित हैं। लोगों को बचाने और राहत देने का प्रबंध अभी बनाया जा रहा है।
Harda ब्लास्ट: लगा भूकंप आया
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ब्लास्ट के बाद शहर में भूकंप का अनुमान लगाया गया था। साथ ही बहुत सी इमारतें गिर गईं। हम लोगों का कहना है कि हमने पहले कभी ऐसा दुर्घटना नहीं देखा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में काम कर रहे लोग बचने की संभावना बहुत कम है।
विस्फोट के बाद फैक्टरी में शवों के टुकड़े आधा किलोमीटर तक बिखरे पड़े
Harda ब्लास्ट की पटाखा फैक्टरी सोमेश फायर वर्क में हुए विस्फोट के बाद आसपास के लोगों ने भूकंप की आशंका व्यक्त की। मकानों के खिड़की के शीशे गिर गए। बर्तन जमीन पर गिर गए, जिससे कच्चे मकानों की दीवारें टूट गईं। फैक्टरी के आधा किलोमीटर के दायरे में तो हालात बहुत खराब हैं। शवों के टुकड़े बिखरे हुए पाए गए। कहीं पैर तो कहीं धड़।
हादसे में सड़क पर चल रहे लोग भी मारे गए। हादसे के बाद Harda में सिर्फ एम्बुलेंस और दमकलों के सायरन गूंज रहे हैं, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है। जितेंद्र सैनी, फैक्टरी से एक किलोमीटर दूर बेरागढ़ वार्ड में रहता है, उन्होंने बताया कि वह इस घटना को देखा था। यदि उनकी बातों पर गौर करें तो दुर्घटना में बहुत से लोग मारे गए हैं।
सड़क पर चल रहे लोग भी घायल हो गए
सुबह मैं घर पर ही था। 11 बजे अचानक धमाका हुआ। खिड़की का शीशा गिर गया। बाहर निकलकर देखा तो आग का गुबार आसमान में था। चारों ओर धुआं था। निरंतर विस्फोट हुए। प्लांट के आसपास खेतों में शवों के टुकड़े बिखरे पड़े थे। किसी का हाथ गायब था और किसी का सिर भी गायब था।
शवों को कपड़ों से ढक रहे थे। फैक्टरी के पास से गुजरने वाली सड़क पर चल रहे दोपहिया वाहन चालकों को भी चोट लगी। फैक्टरी का मलबा उड़कर उन पर गिरा। 10 से 15 किलो के लोहे के एंगल उड़कर खेतों में पहुंचे।
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