ईरान की पाकिस्तान पर हवाई हमले की पूरी कहानी क्या है?
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बलूचिस्तान, पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बड़ा हमला किया है।
इस हमले से क्षेत्र में अधिक तनाव पैदा हुआ है।
यह हमला अद्वितीय है। हमला सुन्नी आतंकी संगठन जैश अल-अदल ने किया है।
इस हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इसे अकारण संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
आइए इस हमले से जुड़े प्रमुख मुद्दों को जानें।
ईरान ने आतंकवादी हमला क्यों किया?
- टारगेट हमले: ईरान ने पाकिस्तान में जैश अल-अदल की दो महत्वपूर्ण जगहों पर हमला किया। ईरान की मीडिया ने बताया कि सीरिया में हुए मिसाइल हमलों के बाद यह अटैक किया गया।
- रणनीतिक नुकसान: ईरान के अर्ध-आधिकारिक समाचार एजेंसी तस्नीम ने बताया कि इस ऑपरेशन का केंद्र बिंदु पाकिस्तान में जैश अल-अदल आतंकी समूह के दो प्रमुख गढ़ थे। उन्हें विशेष रूप से लक्षित करके नष्ट कर दिया गया।
- न्याय की सेना का नाम जैश अल-अदल है। 2012 में यह एक सुन्नी आतंकी संगठन था। पाकिस्तान में यह एक बड़ी उपस्थिति है। इनसे ईरान के सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्ष होता रहा है। पाकिस्तान की जमीन पर हाल ही में हुए ड्रोन और मिसाइल हमले उनकी लड़ाई में नई आक्रामकता का संकेत करते हैं।
- ईरान ने प्रतिक्रिया दी: ईरान का यह हमला प्रतिक्रिया है। क्योंकि पिछले महीने सिस्तान-बलूचिस्तान, दक्षिण-पूर्वी प्रांत में एक ईरानी पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ था। इस घटना में 11 ईरानी पुलिस अधिकारी मारे गए। ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने हमले की जिम्मेदारी जैश अल-अदल को दी।
- ईरान ने दी चेतावनी: ईरान ने बार-बार चेतावनी दी है कि जैश-अल-अदल आतंकवादी समूह बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में अपने सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है।
ईरान और पाकिस्तान ने हमले पर क्या कहा
बलूचिस्तान में सुन्नी आतंकी संगठन से जुड़े स्थानों पर हवाई हमले करने पर पाकिस्तान ने ईरान को “गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी है।
पाकिस्तान ने ईरान के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया, जिसमें उसने “अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन” की कड़ी निंदा की।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा कि ईरान का यह कृत्य उसके “अकारण हवाई क्षेत्र का उल्लंघन” है।
हमास और इजराइल के युद्ध के कारण पश्चिम एशिया में पहले से ही तनावपूर्ण हालात हैं, इसलिए ईरान के इन हमलों ने चिंता को और बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान अपनी संप्रभुता के उल्लंघन का कड़ा विरोध करता है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।पाकिस्तान विदेश कार्यालय
उसने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि, ‘ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष इसे लेकर पहले ही कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है।
साथ ही, ईरान के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया है ताकि वे पाकिस्तान की संप्रभुता के इस क्रूर उल्लंघन की कड़ी निंदा करें और इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी ईरान की होगी।
यह भी चिंताजनक था कि “पाकिस्तान और ईरान के बीच बातचीत के कई स्थापित माध्यमों के बावजूद यह गैरकानूनी कार्रवाई हुई।”‘
क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा
ईरान और पाकिस्तान की सीमा 959 किमी है। अधिकांश भाग सिस्तान-बलूचिस्तान का है।
शिया-प्रभुत्व वाले शासन ने यहां अल्पसंख्यक सुन्नी लोगों को अपमानित किया है।
दोनों देशों के बीच गठबंधन और क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता में मतभेद रहे हैं।
ईरान ने एक देश पर हमला किया है जो अपने परमाणु बल पर गर्व करता है।
गाजा पट्टी और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध से पहले से ही क्षेत्र में तनाव है। इस हमले से अस्थिरता बढ़ी है।
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