SpaceX की रॉकेट स्टारशिप का तीसरा टेस्ट लगभग सफल, प्रयोग योग्य बनाया गया
SpaceX: दुनिया की सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप का तीसरा टेस्ट लगभग सफल रहा। 14 मार्च को शाम 6:55 बजे टेक्सास के बोका चिका से इसका उद्घाटन हुआ। स्टारशिप को स्पेस में ले जाने के बाद 7.59 बजे हिंद महासागर में लैंड करना था, लेकिन 65 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी के वातावरण में लौटने पर उसका संपर्क टूट गया।
इस रॉकेट को दुनिया के तीसरे सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बनाया है। कलेक्टिवली, स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को स्टारशिप कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊँचाई 397 फीट है। ये 150 मीट्रिक टन का भार उठाने में सक्षम है और पूरी तरह से पुनःप्रयोग योग्य है। स्टारशिप सिस्टम मंगलवार को सौ लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा।
रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूटा
स्पेसएक्स ने कहा कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाई, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं एलन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधा दर्जन स्टारशिप उड़ान भरेंगी।
- स्टारशिप ने ऑर्बिट में पहुंचने के बाद पेलोड डोर को खोला और बंद किया।
- रॉकेट के भीतर दो टैंकों के बीच कई टन तरल ऑक्सीजन को मूव किया।
- स्टारशिप की पृथ्वी के वातावरण में रीएंट्री कराई, लेकिन संपर्क टूट गया।
प्लान के अनुसार इस तरह होनी थी पूरी टेस्टिंग…
- 00:00:02- लिफ्टऑफ
- 00:00:52- मैक्स क्यू (रॉकेट पर पीक मैकेनिकल स्ट्रेस)
- 00:02:42- बूस्टर MECO (अधिकांश इंजन बंद)
- 00:02:44- हॉट-स्टेजिंग (स्टारशिप रैप्टर इग्निशन और स्टेज सेपरेशन)
- 00:02:55- बूस्टर बूस्टबैक बर्न स्टार्टअप
- 00:03:50- बूस्टर बूस्टबैक बर्न शटडाउन
- 00:06:36- बूस्टर ट्रांसोनिक (साउंड की स्पीड- 1234 Km/hr)
- 00:06:46- बूस्टर लैंडिंग बर्न स्टार्टअप
- 00:07:04- बूस्टर लैंडिंग बर्न शटडाउन
- 00:08:35- स्टारशिप इंजन कटऑफ
- 00:11:56- पेलोड डोर ओपन
- 00:24:31- प्रोपेलेंट ट्रांसफर डेमो
- 00:28:21- पेलोड डोर क्लोज
- 00:40:46- रैप्टर इन-स्पेस रीलाइट डेमो
- 00:49:05- स्टारशिप एंट्री
- 01:02:16- स्टारशिप ट्रांसोनिक
- 01:03:04- स्टारशिप सबसोनिक
- 01:04:39- एक रोमांचक लैंडिंग!
दूसरा टेस्ट: स्टेज सेपरेशन के बाद बिगड़ गया
18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे स्टारशिप का दूसरा टेस्ट किया गया था। सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन लॉन्चिंग के 2.4 मिनट बाद हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर आना था, लेकिन यह 3.2 मिनट बाद 90 किलोमीटर ऊपर फट गया।
वहीं, स्टारशिप निर्धारित योजना के अनुसार आगे बढ़ गया। स्टारशिप भी 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 किलोमीटर ऊपर खराब हो गई, इसलिए उसे नष्ट करना पड़ा। फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम ने इसे नष्ट कर दिया।
रॉकेट और स्टारशिप को दूसरे टेस्ट में पहली बार हॉट स्टैगिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह सफल रहा था। सभी 33 रैप्टर इंजनों ने भी लॉन्च से सेपरेशन तक ठीक से फायर किया था।
पहली जांच: लॉन्चिंग के चार मिनट बाद विस्फोट हुआ
20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट हुआ। बूस्टर 7 और शिप 24 इस टेस्ट में शुरू हुए। स्टारशिप उड़ान भरने के चार मिनट बाद तीस किलोमीटर ऊपर मेक्सिको की खाड़ी के पास विस्फोट हुआ।
स्टारशिप के असफल होने पर भी एलन मस्क और एम्प्लॉइज खुश थे। इसका कारण यह था कि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना एक बहुत बड़ी सफलता थी। लॉन्च से दो दिन पहले, मस्क ने कहा कि चाहे सफलता मिले या नहीं, उत्साह की गारंटी है।
स्टेज सेपरेशन में उत्पन्न हुई समस्याएं
स्पेसएक्स ने कहा कि सेपरेशन स्टेज से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया, जबकि यह तय नहीं था। परीक्षा हमें ज्ञान देती है। स्टारशिप की रिलायबिलिटी आज की जांच से बेहतर होगी। अगले फ्लाइट टेस्ट के लिए टीमें डेटा को रिव्यू करना जारी रखेंगीं।
स्टारशिप प्रणाली
397 फीट की ऊँचाई, 9 मीटर का डायामीटर, 100 से 150 मीट्रिक टन का पेलोड कैपेसिटी
स्टारशिप क्या-क्या कर सकता है?
- पेलोड डिलीवरी
- मून मिशन्स
- अर्थ-टु-अर्थ ट्रांसपोर्टेशन
- इंटरप्लेनेटरी ट्रांसपोर्टेशन
स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा
यह लॉन्च इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये स्पेसशिप ही लोगों को इंटरप्लेनेटरी बनाएंगे। यानी इसकी मदद से पहली बार पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कोई आदमी चला जाएगा। मस्क 2029 तक मंगल ग्रह पर लोगों को बसाना चाहते हैं और वहाँ एक कॉलोनी बनाना चाहते हैं। SpaceShips भी दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में इंसानों को पहुंचाने में सक्षम होंगे।
मंगल ग्रह पर घर बनाने के लिए क्या आवश्यक है?
एलन मस्क ने मंगल ग्रह पर एक कॉलोनी बनाने की आवश्यकता के बारे में कहा, “पृथ्वी पर एक लाइफ एंडिंग इवेंट मानवता के अंत का कारण बन सकता है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बना लेंगे तो मानवता वहां जीवित रह सकती है।”डायनासोर भी करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर मर गया। वहीं, 2017 में प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने कहा कि अगर इंसानों को सर्वाइव करना है तो 100 साल के भीतर विस्तार करना होगा।