Surya Grahan: ज्योतिषियों की परंपरा और महत्व
Surya Grahan: सनातन धर्म में सूर्य और चंद्र की पूजा का खास महत्व है। ग्रहण को विश्व के कई अन्य देशों में महत्वपूर्ण माना जाता है। माया सभ्यता में सूर्य ग्रहण बहुत बुरा था। ज्योतिषियों का मत है कि राहु सूर्य या चाँद के ग्रास से ग्रहण करता है। ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके लिए खाने-पीने की सलाह नहीं दी जाती और शुभ कार्य करने की भी मनाही होती है। फल और जल को बच्चे, वृद्धजनों और बीमार लोग भी खा सकते हैं। 08 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण होगा। हम ग्रहण का सही समय और सूतक काल जानते हैं-
प्राप्त करने का सही समय
08 अप्रैल को संध्याकाल 09 बजकर 12 मिनट पर सूर्य ग्रहण शुरू होगा और 09 अप्रैल को देर रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। इसके अलावा, पूरा सूर्य ग्रहण लगभग सात मिनट का होगा।
Surya Grahan कहाँ दिखेगा?
अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा सहित यूरोप के कई देशों में यह ग्रहण दिखाई देगा। अमेरिका समेत ग्रहण प्रभावित अन्य देशों में सुबह 9 बजे से सूतक लगेगा। भारत में सूर्यग्रहण नहीं होगा। इसलिए सूतक भी नहीं लागू होगा। इसके अलावा, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में सूर्यग्रहण नहीं होगा।
सूतक
ज्योतिषियों के अनुसार, सूतक चार प्रहर पूर्व सूर्यग्रहण के समय लगता है। शब्दों में, सूतक 12 घंटे पूर्व सूतक लगता है। ग्रहण ऐसा करता है। ग्रहण नहीं होने पर सूतक वैध नहीं होता। चंद्र ग्रहण के दौरान 09 घंटे सूतक भी होता है। ग्रहण के समय सूतक नहीं लगने पर भी कोई मांगलिक कार्य नहीं करें। साथ ही भोजन करते समय तामसिक व्यवहार से बचें। जगत के पालनहार भगवान विष्णु के नामों का इस समय स्मरण करें।
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