बीजेपी ने अचानक मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया।
सोमवार को पार्टी विधायक दल का नेता मोहन यादव चुना गया है। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया।
राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। राजेंद्र शुक्ला उपमुख्यमंत्री होंगे, जगदीश देवड़ा। तोमर विधानसभा स्पीकर होंगे।
मोहन यादव अपनी तीसरी बार सांसद बन गए हैं। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा का मंत्री था।
शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव का नाम घोषित कर दिया है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की 230 सीटों में से 163 पर जीत हासिल की है।
बीजेपी ने चुनाव से पहले किसी मुख्यमंत्री का नाम नहीं बताया था।
2013 साल था जब मोहन यादव पहली बार विधायक बने थे। आरएसएस का करीबी बताया जाता है।
मोहन यादव भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य हैं। मध्य प्रदेश कुश्ती एसोसिएशन की अध्यक्षता उनकी जिम्मेदारी है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की 230 सीटों में से 163 पर जीत हासिल की है। बीजेपी ने चुनाव से पहले किसी मुख्यमंत्री का नाम नहीं बताया था।
मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे, हफ्ते भर की बहस आखिरकार समाप्त हो गई।
बहन ने कहा, नाम चल रहा था
उसकी बहन का कहना है कि स्थानीय स्तर पर मोहन यादव के नाम पर चर्चा थी, हालांकि इस बैठक से पहले शायद ही किसी ने राष्ट्रीय स्तर पर उनका नाम सुना हो।
मोहन यादव की बहन ने एएनआई (समाचार एजेंसी) से कहा, “चल रहा था नाम।” पूरी जानकारी नहीं थी।„
मोहन यादव की बहन ने कहा कि उनके भाई ने अपनी मेहनत की सफलता पाई है।
बीते आठ दिनों में, कई लोगों ने मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में नामांकन की चर्चा की।
मोहन दास की राजनीतिक यात्रा
लंबे समय से मोहन यादव संघ से जुड़े हुए हैं। वह संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से बहुत पहले से जुड़े हुए थे।
1984 में वह माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष और 1982 में सह सचिव था।
1984 में उज्जैन की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में नगर मंत्री और 1986 में विभाग प्रमुख बने।
2002 से 2003 तक बीजेपी के नगर जिला महामंत्री रहे और 2004 में प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने।
2004 में उन्हें सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
2018 में वह अपनी दूसरी बार विधायक बनने में सफल हुए। 2020 में वे राज्य का उच्च शिक्षा मंत्री बन गए।
मोहन यादव ने बीएसएसी, एलएलबी और राजनीति विज्ञान में एम के की डिग्री प्राप्त की है।
उन्होंने एमबीए और पीएचडी भी किया है।
1965 में पूनम चंद यादव के पुत्र मोहन यादव का जन्म हुआ।
मोहन यादव शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी सीमा यादव हैं। उनका एक बेटा और दो बेटे हैं।
शिवराज ने प्रस्ताव दिया
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विधायकों की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव का नाम प्रस्ताव रखा और फिर उस पर मुहर लगी।
मीडिया ने वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सवाल पूछने का प्रयास किया।
लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
इस घोषणा से पहले तक बीजेपी नेता शिवराज सिंह, नरेंद्र तोमर और प्रह्लाद पटेल भी सीएम पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।
तीन दिसंबर को मध्य प्रदेश में नतीजों की घोषणा हुई।
आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और तीन पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में नए विधायकों की बैठक हुई।
इसमें नेता मोहन यादव चुना गया.
मैं मोदी के सपने पूरे करूंगा, मैं छोटा सा कार्यकर्ता हूँ।
उज्जैन के विधायक डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, जो सभी राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया।
राज्यपाल को इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
नेता चुने जाने पर मोहन यादव ने कहा, “मेरे जैसे छोटे नेता को इस तरह की ज़िम्मेदारी देने के लिए केंद्र और राज्य नेतृत्व का शुक्रिया। ये भारतीय जनता पार्टी है।
यद्यपि मैं इसके योग्य नहीं हूँ, लेकिन आपका प्रेम, आशीर्वाद और सहयोग मिलेगा तो मैं पूरी कोशिश करूँगा। एक बार फिर आपको धन्यवाद।“
“हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के सपने को लेकर आगे चलेंगे,” उन्होंने कहा।
मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि मोहन यादव को विधायक दल के नेता के नाम पर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल भी उपस्थित थे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मोहन यादव को सीएम चुनकर बीजेपी ने कई लाभ हासिल किए हैं।
मोहन यादव पर दांव खेलने का फ़ायदा?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी ने मोहन यादव को सीएम चुनकर कई लाभ हासिल करने का प्रयास किया है।
विपक्षी दलों का गठबंधन “इंडिया” और कांग्रेस पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की हिस्सेदारी पर चर्चा कर रहा है.
बिहार में जातिगत सर्वे के नतीजे सामने आने के बाद से।
शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव दोनों ओबीसी हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी भी बिहार और उत्तर प्रदेश में उनकी नियुक्ति पर ध्यान दे रहा है।
यह भी पढ़े : राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पत्थरबाजों को लैपटॉप दिए..।