MP Election 2023: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सीहोर में कहा कि “ऐसा भैया मिलेगा नहीं तुम्हें, जब जाऊंगा तब याद आऊंगा।” इनमें एक अनुसंधान के अनुसार, उन्होंने पहले भी बयान किया था कि वह नए मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। क्या इसका अर्थ है कि उनकी विदाई तय हो गई है? क्या उन्हें यह बता दिया गया है? क्या उन्होंने भी जाने का मन बना लिया है?
इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। इतना तय है कि भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट आने के बाद से ही हालात बदल गए हैं। भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गनसिंह कुलस्ते समेत सात सांसदों को टिकट दिए हैं। इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी चुनाव मैदान में उतरे हैं। यह बड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि तोमर, पटेल और विजयवर्गीय मुख्यमंत्री की कुर्सी के तगड़े दावेदार हैं। अब तक न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और न ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह बताया है कि भाजपा चुनाव जीती तो शिवराज मुख्यमंत्री बनेंगे। शिवराज न तो प्रोजेक्टेड सीएम हैं और न ही उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है। चुनाव केंद्रीय मंत्रियों, भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में लड़ रहे हैं। इस वजह से राजनीतिक पंडित लगातार कयास लगा रहे हैं कि यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री कार्यकाल के अंत की शुरुआत है।
क्या कहा शिवराज सिंह चौहान ने?
शिवराज सिंह चौहान एक अक्टूबर को सीहोर जिले के लाड़कुई में थे। उन्होंने लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित किया और कहा, “ऐसा भैया मिलेगा नहीं तुम्हें, जब जाऊंगा तब याद आऊंगा। मैंने मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी। आपने बरसों तक कांग्रेस का राज देखा।” इस पर सोमवार को कमलनाथ ने तंज कसा और कह दिया कि उनके झूठ और वादे जरूर याद आएंगे।
शिवराज ने अपनी सभाओं में कहा कि क्या कभी जनता की ऐसी चिंता देखी थी क्या? “मैं सरकार नहीं चलाता हूं, मैं परिवार चलाता हूं। आप सब मेरे परिवार हैं। इमानदारी से बताओ कि मैं भैया हूं कि मुख्यमंत्री हूं?” 29 सितंबर को अलीराजपुर और खरगोन में उन्होंने कहा था कि “मैं वजन बढ़ाने के लिए कुर्सी पर नहीं बैठा हूं। मैं जनता के लिए काम करने के लिए काम कर रहा हूं। यह सरकार आम जनता की जिंदगी बदलने का प्रयास कर रही है।”
क्या शिवराज की विदाई तय हो गई है?
सूचना के अनुसार, भाजपा इस बार चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर जोर दे रही है। दूसरी लिस्ट में उम्मीदवारों के तौर पर उपस्थित नेताओं में तीन केंद्रीय मंत्रियों, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, और फग्गनसिंह कुलस्ते को शामिल किया गया है। इसके बावजूद, यह स्पष्ट है कि पार्टी इनमें से किसी एक को मुख्यमंत्री चयन कर सकती है।
जब विजयवर्गीय ने अपना चुनाव अभियान इंदौर में शुरू किया, तो उनके समर्थकों ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में समर्थन जताया। इसी तरह, तोमर को भी मीडिया ने इन सवालों का सामना करना पड़ा है। पटेल को लेकर यह जानकारी है कि उन्हें 2005 से ही शिवराज सिंह चौहान के प्रतिस्पर्धी के रूप में देखा जा रहा है।