एक इजराइली के बदले, 21 फिलिस्तीनी
1967 की ‘सिक्स डे वॉर’ के बाद, इजराइली सेना ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया।
इस शासकीय कब्जे के बाद, लगभग 38 सालों बाद, अगस्त 2005 में इजराइली सेना ने गाजा छोड़ने का फैसला किया।
अगले साल, अर्थात् 2006 में, इस्लामिस्ट संगठन हमास ने यहां के चुनावों में जीत हासिल की.
इसके बाद, गाजा में एक छोटे-मोटे सिविल युद्ध की शुरुआत हुई, जिसमें हमास ने दूसरे फिलिस्तीनी संगठन, फतेह, को प्रभावित किया ।
2006 में, जब हमास ने गाजा पर शासन शुरू किया, तब वहां करीब 75 हजार बच्चे पैदा हुए थे। इन बच्चों की उम्र आजकल 17 साल हो रही है, लेकिन इस दौरान उन्होंने देखा है और उनके अनुभवों ने उन्हें दुनिया में एक अद्वितीय मिसाल बना दिया है।
पिछले 15 सालों में इस क्षेत्र में हुई मौतों और तबाही की पूरी कहानी
- जब ये बच्चे 2 साल के थे, यानी 27 दिसंबर 2008 को, तो फिलिस्तीन के तरफ से हमास के लड़ाकों ने इजराइल के शहर स्देरोत पर रॉकेट हमला किया था।
- जब ये बच्चे 6 साल के हो गए थे, यानी 14 नवंबर 2012 को, तब इजराइल ने हमास के मिलिट्री चीफ ऑफ स्टाफ, अहमद जबारी को मार गिराया।
- जब ये बच्चे 8 साल के थे, यानी जुलाई-अगस्त 2014 में, तब हमास ने 3 इजराइली टीनेजर्स को किडनैप कर लिया और उन्हें बाद में मार दिया।
- जब ये बच्चे 12 साल के थे, यानी मार्च 2018 में, तब इजराइल और गाजा के बॉर्डर के पास, फिलिस्तीनी लोग प्रदर्शन कर रहे थे।
- अब जब ये बच्चे 17 साल के हो गए हैं, तो 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया, जिसमें करीब 1400 इजराइली लोगों की मौत हुई।