Vikram-1 Rocket:
भारतीय स्टार्टअप स्काईरूट ने विक्रम-1 रॉकेट का अनावरण किया है।
विक्रम-1 देश का पहला निजी तौर पर निर्मित सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है।
इसका लॉन्च जनवरी 2024 को होने की योजना है।
भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में लगातार इतिहास रच रहा है।
देश की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने हाल ही में चंद्रयान-3 को चन्द्रमा की सतह पर उतारा।
इसके बाद देश के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग भी चर्चा का विषय बनी।
इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, निजी क्षेत्र की कंपनी स्काईरूट भी विक्रम-1 रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
Vikram-1 अभी क्यों चर्चा में है?
विक्रम-1 को चर्चा में इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि यह भारत का पहला निजी तौर पर निर्मित सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है और यह भारतीय स्टार्टअप स्काईरूट द्वारा विकसित किया गया है।
यह उद्यम ने अपने नए मुख्यालय ‘द मैक्स-क्यू कैंपस’ का उद्घाटन किया है और इसके माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में योगदान कर रहा है।
विक्रम-1 रॉकेट के अनावरण से भारत की अंतरिक्ष तकनीक में और भी महत्वपूर्ण योगदान की ओर एक कदम बढ़ गया है, और इसके परिणामस्वरूप इसे चर्चा का विषय बना है।
आखिर व Vikram-1 रॉकेट क्या है?
विक्रम-1 रॉकेट एक सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है जो भारतीय स्टार्टअप स्काईरूट द्वारा विकसित किया गया है।
यह भारत का पहला निजी तौर पर निर्मित सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है,
जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में सुरक्षित रूप से पहुंचाना है।
क्या है रॉकेट की खासियत ?
विक्रम-1 रॉकेट की खासियत इसके निम्नलिखित विशेषताओं में है:
- पहला निजी सैटेलाइट लॉन्च: यह भारत का पहला निजी सैटेलाइट लॉन्च रॉकेट है, जिसे भारतीय स्टार्टअप स्काईरूट ने विकसित किया है।
- नवाचारी तकनीक: विक्रम-1 नवाचारी तकनीकों का इस्तेमाल करता है और इसमें उच्च-संकेत विगत की तकनीकों का अद्यतन भी शामिल है।
- न्यून लॉन्च कॉस्ट: इसके उपयोग से सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करने का खर्च कम हो जाता है ।
- दोहरी उपयोगिता: विक्रम-1 रॉकेट का उपयोग सैटेलाइट्स के अंतरिक्ष में पहुंचने के लिए किया जा सकता है।
- आत्मनिर्भरता: विक्रम-1 रॉकेट भारतीय निजी क्षेत्र के साथ अंतरिक्ष में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस रॉकेट की खासियत यह है कि वह अंतरिक्ष लॉन्च क्षमता को बढ़ाता है और अंतरिक्ष अनुसंधान और संचालन क्षेत्र में भारत के प्रदर्शन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।