स्वच्छता का सर्वोत्तम उदाहरण, सातवीं बार सरताज बनकर दिल्ली को पीछे छोड़ता है
इंदौर के संस्कारों में स्वच्छता का स्थान है।
वही सातवीं बार सरताज बनकर यह साबित किया।
गुरुवार को राजवाड़ा, शहर का दिल, सातवां आसमान छूने का उत्सव मनाता है।
दिल्ली से पुरस्कार लेकर वापस आए जनप्रतिनिधियों के साथ शहरवासी ने सफाई दिवस की खुशियां बांटीं।
इस अवसर पर मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि पूरे देश में इंदौर का डंका फिर से बज रहा है।
ये पुरस्कार स्वच्छता प्रेमियों को समर्पित है। इंदौर ने साफ-सफाई में नई तकनीक अपनाई है।
इस बार भी ऐसा ही होगा। हमें आठवीं बार भी पुरस्कार लाना है।
मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि इंदौर सफाई में एक ब्रांड बन गया है।
हमारे सफाई मॉडल को दूसरे शहर भी अपना रहे हैं।
इंदौर वासियों को सफाई की आदत बन चुकी है।
निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने कहा कि हमारी ताकत जनभागीदारी है।
जनता ने अपना फर्ज निभाया। हम फिर से पहले स्थान पर आए क्योंकि नगर निगम की टीम ने अपना फर्ज निभाया।
यही कारण है कि इंदौर को स्वच्छता पुरस्कार मिलना चाहिए।
हर नागरिक सफाई में काम करता है। निगम के सफाई कर्मचारियों की तारीफ बहुत कम है।
मनाते हुए लोगों ने संकल्प लिया कि आठवीं बार भी सफाई में सर्वश्रेष्ठ रहेंगे।
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